in Hindi Poetry

सपने देखना मत छोड़ना – Sapne Dekhna Mat Chhodna

सपने ऐसे देखो जो अम्बर से करे बात
लेकिन कभी धरती की पकड़ ना छोड़ना !
चाहे जितनी बार खानी पड़े मात
लेकिन सपने देखना नहीं छोड़ना !!

 

अपनी तरफ आती हर मुसीबत
को हिम्मत से सीखो लड़ना !
जब उम्मीदों की हर दीवार दह जाए
तो भी सपने देखना मत छोड़ना !!

 

Don't Dream your Lives, Live your Dreams

Don’t Dream your Lives, Live your Dreams

शरीर या बदन के थकने पर नहीं
काम पूरा होने पर ही दोस्तों बैठना !
अगर रात भी काम करने में गुजर जाए
तो भी सपने देखना नहीं छोड़ना !!

 

चाहे दिन, माह और साल निकल जाए
बेशक निकल जाये खून, या बह जाए पसीना !
मंजिल की तलाश में अगर कुम्भ भी निकल जाए
तो भी तुम सपने देखना मत छोड़ना !!

 

इस रस्ते निकल पड़े तो वापस नहीं मुड़ना है
क्या कर सकते है हम इस दुनिया को दिखाना है !
पर्वत चट्टानों से भी आगे हमें जाना है
हर कदम पे नए सपने देखना नहीं छोड़ना है !!

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