in Hindi Poetry

जब तू बरसे – Jab Tu Barse

सावन की पहली बारिश से मौसम भी करवट बदले
टिप टिप बरसती बूंदों से मिट्टी की जब सुगंध उठे
थके हुए को भी नचवा नचवा के दीवाना बना दे
ऐ ऊचे अम्बर में रहने वाले बादल, जब तू घन घन बरसे

कुछ पलो के लिए किसी के भी सारे गिले शिकवे भुला दे
बारिश के पानी से जो नहाये उसकी सारी थकावट उतार दे
आसमान ख़ुशी में गरजने लगे, और बिजली भी चमकने लगे
ऐ ऊचे अम्बर में रहने वाले बादल, जब तू घन घन बरसे

रिम झिम गिरती बारिश तो गूंगे से भी गीत गँवा दे
मायूस चहरे भी तेरा नाच देख कर शोर मचा दे
कोयल भी डाल पर बैठी मीठा मीठा गीत सुना दे
ऐ ऊचे अम्बर में रहने वाले बादल, जब तू घन घन बरसे

बारिश में नहाकर बच्चे तो कीचड भरे पानी में कूदने लगे
ज़िन्दगी की परेशानिया भूलने और सब बंदिशे तोड़ने लगे
गरम चाय के संग माँ से पकोड़ो की मांग हम करने लगे
ऐ ऊचे अम्बर में रहने वाले बादल, जब तू घन घन बरसे

Let the rain kiss you. Let the rain beat upon your head with silver liquid drops. Let the rain sing you a lullaby. Langston Hughes

Let the rain kiss you. Let the rain beat upon your head with silver liquid drops. Let the rain sing you a lullaby. Langston Hughes

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